ऑटोमोबाइल न्यूज डेस्क, नई दिल्ली। इंडिया में हर रोज कई हजार कारों को खरीदने के लिए Car Loan अप्लाई किया जाता है। इनमें से कुछ लोग ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिनकी वजह से उनकी लोन एप्लीकेशन रिजेक्ट (car loan application) भी हो जाती है। ऐसा किन कारणों (loan rejection reasons) से हो जाता है। इस खबर में समझते हैं।
हर 10 से 9 कारें लोन पर
इंडिया में हर रोज हजारों कारों को खरीदा जाता है। आपको यह बात जानकर हैरानी भी हो सकती है कि हर 10 में से 9 कारों को Car Loan पर खरीदा जाता है। लेकिन कई लोग ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिसकी वजह से लोन पास होने की जगह रिजेक्ट हो जाता है।
Car Loan के लिए जरूरी है Credit Score
कार लोन आसानी से पास करवाना हो तो इसके लिए क्रेडिट स्कोर काफी जरूरी कारणों में से एक होता है। इसके कम होने पर एप्लीकेशन को रिजेक्ट भी किए जाने के चांस बढ़ जाते हैं। आमतौर पर क्रेडिट स्कोर को 700 और 750 के आस पास अच्छा माना जाता है। इससे ज्यादा होने पर आसानी से और कम होने पर मुश्किल से लोन मिल पाता है। इसलिए अपने क्रेडिट स्कोर को अच्छा रखने की कोशिश करें।
पहले से चल रहे हों लोन
अगर किसी व्यक्ति के पहले से ही कई लोन चल रहे हों तो उसे भी नए लोन को पास करवाना मुश्किल हो जाता है। बैंक यह समझता है कि अगर कोई पहले से ही फिक्स इंकम में से बड़ा हिस्सा पुराने लोन की पेमेंट में जा रहा है तो नए लोन देने पर उसे वापस ले पाना भी मुश्किल हो सकता है। इसलिए कम ही बैंक ऐसा रिस्क लेकर लोन एप्लीकेशन पास करते हैं। नया लोन लेने से पहले पुराने लोन खत्म कर दें और फिर नया लोन लें।
इंकम भी है जरूरी हिस्सा
बैंक जब भी किसी को लोन देता है तो वह पहले यह देखता है कि लोन देने के बाद इसके वापस होने में कोई परेशानी तो नहीं होगी। इसके लिए लोन अप्लाई करने वाले की इंकम को भी देखा जाता है। अगर बैंक में अच्छा बैलेंस मेंटेन है और इंकम के जरिए भी कई हैं तो बैंक को लोन देने में परेशानी नहीं होती। लेकिन ऐसा न होने पर लोन पास करवाना टेढ़ी खीर भी साबित हो सकता है।
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