HomeAutomobilesक्‍यों आजकल PPF करवाने का बढ़ रहा चलन, क्‍या है फायदा

क्‍यों आजकल PPF करवाने का बढ़ रहा चलन, क्‍या है फायदा

ऑटोमोबाइल न्‍यूज़ डेस्‍क, नई दिल्‍ली। इंडिया में हर रोज हजारों कारों को खरीदा जाता है। इन कारों को खरीदने के बाद दो काम सबसे ज्‍यादा करवाए जाते हैं, जिनमें PPF कोटिंग करवाना भी शामिल है। इस तरह की कोटिंग का क्‍या सही में फायदा मिलता है? या फिर इसको करवाना सिर्फ पैसे की बर्बादी है। इस खबर में समझते हैं।

क्‍या है PPF कोटिंग
पीपीएफ कोटिंग को पेंट प्रोटेक्‍शन फिल्‍म कहा जाता है, लेकिन यह PPF नाम से काफी प्रचलित है। इस कोटिंग को करवाते हुए तीन लेयर बनाई जाती हैं जिससे कार के पेंट की सुरक्षा होती है।

किस लेयर का क्‍या काम
PPF में पहली लेयर जो सबसे ऊपर होती है वह सेल्‍फ हीलिंग कोट होता है। इस कोट की वजह से छोटे मोटे स्‍क्रैच, दाग-धब्‍बे, ऑक्‍सीडेशन को रोका जाता है।
दूसरी लेयर यानि बीच की परत को थर्मोप्‍लास्‍टिक पॉलीयूरेथेन से बनाया जाता है। इस लेयर का काम पत्‍थर के टुकड़ों से होने वाले नुकसान से कार के पेंट को बचाना होता है। यह काफी फ्लेक्‍सेबल होती है और घर्षण का ज्‍यादा बेहतर तरीके से प्रतिरोध कर सकती है। इसको बिना टूटे खींचा जा सकता है।

तीसरी लेयर ऐसे पदार्थ से बनी होती है जो पेंट पर आसानी से चिपक जाता है और बाकी लेयर्स को कार से चिपकाए रखता है। अगर कार के किसी पार्ट को ज्‍यादा नुकसान हो जाए तो इसी की मदद से पूरी पीपीएफ को पेंट पर बिना नुकसान पहुंचाए हटाने में मदद भी मिलती है।

कितना है टिकाऊ
बात करें कि एक बार कार पर पीपीएफ करवाया जाए तो इसकी उम्र कितनी होती है। तो अच्‍छी क्‍वालिटी के पीपीएफ को करवाने के बाद इसे किसी भी कार पर 10 साल तक चलाया जा सकता है। कम ध्‍यान रखने पर इसको पांच साल के बाद भी बदलने की जरुरत पड़ सकती है।

कितना होगा खर्च
पीपीएफ को करवाने के लिए खर्च कार के साइज पर निर्भर करता है। अगर कार हैचबैक है तो पीपीएफ करवाने का खर्च 60-70 हजार रुपये तक भी हो सकता है और अगर एसयूवी पर पीपीएफ करवाया जाए तो उसका खर्च दो लाख रुपये या उससे ज्‍यादा भी हो सकता है। इसके अलावा कितने पार्ट्स पर पीपीएफ करवाना है खर्च उस पर भी निर्भर करता है।

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