Road Rage: इंडिया में हर रोज रोड एक्सीडेंट्स होते हैं। जिनमें हजारों लोग घायल हो जाते हैं। 27 July को जम्मू में भी ऐसी घटना सामने आई है, जिससे रोड रेज के पुराने मामलों की याद भी ताजा हो जाती है। क्या रोड रेज एक अपराध है। अगर यह अपराध है तो दोषी पाए जाने पर किन धाराओं में सजा हो सकती है। इस रिपोर्ट में समझते हैं।
क्या है रोड रेज का मतलब
इंडिया में जब लोग कार चलाते हैं तो कई बार दूसरी कार चलाने वाले को अपशब्द बोल देते हैं। कई बार एक्सीडेंट हो जाए तो भी लोग लड़ाई करने लगते हैं। इसे रोज रेज कहा जाता है। हालांकि रोड रेज को अलग से अपराध नहीं माना गया है।
हो सकती है कार्रवाई
कोई एक व्यक्ति दूसरे के साथ मारपीट करता है, गाली गलौज करता है, धमकी देता है या कार से नुकसान पहुंचाता है तो ऐसी स्थिति में कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
हो सकते हैं केस
ऊपर बताई गई स्थिति में किसी भी स्थिति के होने पर मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के तहत कार्रवाई की जाती है। इसके साथ ही भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत भी केस चलाया जा सकता है।
किन धाराओं में होती है कार्रवाई
भारतीय न्याय संहिता 2023 के हिसाब से धारा 281 के तहत तब कार्रवाई हो सकती है जब कोई व्यक्ति अपनी गाड़ी को लापरवाही से चलाता है और उससे किसी दूसरे की जान पर खतरा हो जाए। ऐसे में 6 महीने तक की सजा या 1 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
धारा 125ए को तब लगाया जाता है जब लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए किसी दूसरे व्यक्ति को चोट लग जाती है। ऐसे में भी 6 महीने तक की सजा या 500 रुपये तक का जुर्माना बीएनएस के तहत लगाया जा सकता है।
धारा 125 बी को तब लगाया जा सकता है जब लापरवाही से गाड़ी चलाने की वजह से किसी दूसरे व्यक्ति को गंभीर चोट लग जाती है। ऐसे में 3 साल तक की सजा या 10 हजार रुपये का जुर्माना लग सकता है।
धारा 106 को तब लगाया जाता है लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण दूसरे व्यक्ति की मौत हो जाए। तब 5 साल तक की सजा या जुर्माना भी लगता है।
धारा 115 को तब लगाया जाता है जब सड़क पर किसी को जान बूझकर चोट पहुंचाई जाए। ऐसे में 1 साल तक की सजा या 10 हजार रुपये तक का जुर्माना देना पड़ता है।
धारा 351 को तब लगाया जा सकता है जब सड़क पर लड़ाई के दौरान किसी को आपराधिक धमकी दी जाए। तब 2 साल तक की सजा या जुर्माना होता है।
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत भी होती है कार्रवाई
भारतीय न्याय संहिता के अलावा भी मोटर व्हीकल एक्ट के तहत भी रोड रेज के मामलों में कार्रवाई की जाती है।
एमवीए की धारा 184 के तहत खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाना, गलत तरीके से ओवरटेक करना, नशे में गाड़ी चलाने पर कार्रवाई होती है। तब 5 हजार रुपये तक का जुर्माना या 6 महीने तक की सजा दी जा सकती है।
धारा | स्थिति / अपराध | सजा / जुर्माना/ और दोनों | अधिनियम |
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281 | लापरवाही से वाहन चलाना जिससे किसी की जान को खतरा हो | 6 महीने तक की सजा या ₹1,000 जुर्माना | भारतीय न्याय संहिता (BNS) |
125A | लापरवाही से वाहन चलाना जिससे किसी को साधारण चोट लगे | 6 महीने तक की सजा या ₹500 जुर्माना | भारतीय न्याय संहिता (BNS) |
125B | लापरवाही से वाहन चलाना जिससे गंभीर चोट लगे | 3 साल तक की सजा या ₹10,000 जुर्माना | भारतीय न्याय संहिता (BNS) |
106 | लापरवाही से वाहन चलाना जिससे किसी की मृत्यु हो | 5 साल तक की सजा या जुर्माना | भारतीय न्याय संहिता (BNS) |
115 | जानबूझकर वाहन से किसी को चोट पहुँचाना | 1 साल तक की सजा या ₹10,000 जुर्माना | भारतीय न्याय संहिता (BNS) |
351 | सड़क पर झगड़े के दौरान आपराधिक धमकी देना | 2 साल तक की सजा या जुर्माना | भारतीय न्याय संहिता (BNS) |
184 | खतरनाक ड्राइविंग, नशे में गाड़ी चलाना, गलत ओवरटेक | 6 महीने तक की सजा या ₹5,000 जुर्माना | मोटर वाहन अधिनियम (MVA) |