बिजनेस न्यूज डेस्क, नई दिल्ली। इंडिया में शेयर मार्केट कभी ऊपर तो कभी नीचे जाता रहता है। इस तरह कई लोगों को नुकसान भी होता है। जिससे बचने के लिए लोग म्यूचल फंड में निवेश करते हैं। अब एसआईपी में ज्यादा रिटर्न मिल सकता है या फिर लमसम निवेश करके भी अच्छी ग्रोथ हासिल हो सकती है। दोनों में कौन सा तरीका आपके लिए सबसे बेस्ट (SIP vs Lumpsum returns) होगा। इस खबर में समझते हैं।
क्या है SIP
एसआईपी को सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान कहा जाता है। इसके जरिए म्यूचल फंड में हर महीने एक निश्चित तारीख और रकम का निवेश किया जाता है। इसको 100 रुपये से भी शुरू किया जा सकता है। इसे स्टेप-अप के साथ अपनी सुविधा के मुताबिक कभी भी बढ़ाया जा सकता है और उसके बाद हर साल यह उतना पर्सेंट खुद बढ़ जाता है।
क्या है लमसम
कम लोग इस टर्म को सही तरह से समझ पाते हैं। लमसम के जरिए भी म्यूचल फंड में निवेश किया जाता है। इसमें एसआईपी की तरह हर महीने या निश्चित दिन की जगह जब भी निवेश करना हो तभी किया जा सकता है। जिस तरह शेयर बाजार में शेयर खरीदे जाते हैं तो वो किसी एक दिन बड़ी रकम के साथ निवेश किया जाता है। उसी तरह लमसम में भी एक बार में बड़ी रकम को किसी म्यूचल फंड में निवेश किया जाता है। बाद में इसे न तो बढ़ाया जा सकता है और न ही हर महीने या किसी तय दिन पर लमसम के अंदर निवेश करना पड़ता है।
किसमें मिलेगा फायदा
हमारी सलाह है कि अगर किसी व्यक्ति को शेयर बाजार की थोड़ी भी समझ है और उसके पास लंबी अवधि में निवेश करने के लिए बड़ी रकम है तो वो लमसम निवेश कर सकता है।
लेकिन अगर आपके पास न तो बड़ी रकम है और न ही आप शेयर बाजार को समय दे सकते हैं तो इसकी जगह हर महीने अपनी बचत का एक हिस्सा एसआईपी के जरिए म्यूचल फंड्स में निवेश (best way to invest in mutual funds) कर सकते हैं।