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Car Ownership Transfer: टैक्‍सी वाली कार को प्राइवेट कार में बदलना है संभव, 4 स्‍टेप में समझें पूरा प्रोसेस

Car Ownership Transfer: इंडिया में हजारों की संख्‍या में कैब को चलाया जाता है। इनकी खास बात यह होती है कि कुछ ही समय में ही इनको काफी ज्‍यादा चला लिया जाता है और बाद में इनको बेच दिया जाता है। आपको एक ऐसी गाड़ी खरीदनी है जो कम पैसे में मिल जाए तो टैक्‍सी वाली कमर्शियल कार को एक प्राइवेट कार में बदलने की क्‍या प्रक्रिया है। 4 स्‍टेप में समझते हैं।

ऑटोमोबाइल न्‍यूज़ डेस्‍क, नई दिल्‍ली। कई बार लोग बजट के चलते ऐसी पुरानी कार की तलाश करते हैं जिसे कम दाम देकर खरीदा जा सके। प्राइवेट नंबर वाली कारों को तो महंगे दाम में बेचा जाता है, लेकिन कमर्शियल नंबर वाली कार को कम कीमत में खरीदकर प्राइवेट कार में बदला (Car Ownership Transfer) जा सकता है। इसके लिए क्‍या प्रोसेस फॉलो करना होता है। 4 पाइंट्स में समझने की कोशिश करते हैं।

कमर्शियल रजिस्‍ट्रेशन करवाएं रद्द

किसी भी कमर्शियल नंबर वाली कार को एक प्राइवेट कार में बदलने के लिए (Taxi to Private Car Conversion) सबसे पहले उसका रजिस्‍ट्रेशन कैंसिल करवाना होता है। इसके लिए जहां पर कार को रजिस्‍टर किया गया है, उस आरटीओ में एक एप्‍लीकेशन देनी होगी और साथ में जरूरी डॉक्‍यूमेंट्स (Car Registration Process) को लगाना होगा।

इन डॉक्‍यूमेंट्स की होगी जरुरत

कमर्शियल नंबर वाली कार को प्राइवेट कार में बदलने के लिए आरटीओ में आवेदन करने के लिए कुछ डॉक्‍यूमेंट्स की जरुरत होती है। इसके लिए आरसी की ओरिजिनल कॉपी, आरटीओ फॉर्म, इंश्‍योरेंस, आईडी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ जैसे डॉक्‍यूमेंट्स देने होंगे। अगर कार पर लोन है तो फिर बैंक से एनओसी भी देनी पड़ेगी।

री-रजिस्‍टर करवाने के लिए करें अप्‍लाई

ऊपर बताए दोनों पाइंट्स फॉलो करने के बाद जब कमर्शियल नंबर रद्द हो जाएगा तो फिर प्राइवेट कार बनाने के लिए आरटीओ में फिर से री-रजिस्‍टर करवानी होगी। इसलिए लिए नजदीकी आरटीओ में फिर से अप्‍लाई करना होगा। साथ में रोड टैक्‍स का भुगतान भी करना होगा। साथ ही खरीददार का आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ, पैन कार्ड, एनओसी, परमिट कैंसिलेशन प्रूफ, फॉर्म 20 जैसे डॉक्‍यूमेंट्स को जमा करवाना होगा।

अब होगी वेरिफिकेशन

ऊपर की तीनों प्रोसेस को फॉलो करने के बाद अब कार के लिए किए गए आवेदन की जांच की जाएगी। एक आरटीओ अधिकारी आपकी ओर से जमा किए गए डॉक्‍यूमेंट्स को वेरिफाई करेगा और अगर उसे जरुरत लगती है तो वो कार की वेरिफिकेशन भी कर सकता है। जिसके बाद प्राइवेट नंबर के साथ कार का रजिस्‍ट्रेशन हो जाएगा।

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