ऑटोमोबाइल न्यूज़ डेस्क, नई दिल्ली। कारों में कई सेफ्टी फीचर्स को देना आजकल काफी आम बात हो चुकी है। लेकिन इन फीचर्स की वजह से ही एक्सीडेंट्स से बचा जाता है। ऐसा ही एक सेफ्टी फीचर TPMS है। अगर यह फीचर खराब (TPMS failure) हो जाए तो किस तरह कार के टायर डैमेज हो सकते हैं। इस खबर में समझते हैं।
क्या है TPMS
टीपीएमएस को टायर प्रैशर मॉनिटरिंग सिस्टम भी कहते हैं, लेकिन आसान शब्दों में इसे टीपीएमएस नाम से ही जाना जाता है। यह एक तरह से सेफ्टी फीचर का काम करता है जो टायर में एयर प्रैशर की मॉनिटरिंग करता है। इस फीचर के साथ आने वाली कारों के टायर में वॉल्व पर सेंसर लगाए जाते हैं जो रियल टाइम में सेंस करके टायर में एयर प्रैशर की जानकारी को ड्राइवर तक पहुंचाते हैं।
खराब होने पर क्या मिलते हैं संकेत
अगर कार में लगे टीपीएमएस सिस्टम में खराबी आ जाती है तो कार में ड्राइवर को रियल टाइम टायर प्रैशर का अपडेट नहीं मिल पाता। अगर मिलता भी है तो वह गलत होता है। इसे री-सेट करने पर भी यह वैसा ही अपडेट देता रहता है। ऐसा हो तो समझना चाहिए कि इस सेफ्टी फीचर में खराबी (tyre pressure monitoring system issues) आ गई है।
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क्या होगा टायर्स को नुकसान?
टीपीएमएस के खराब होने की वजह से टायर्स को काफी नुकसान होता है। इस सिस्टम के जरिए ही ड्राइवर को इस बात का पता चलता है कि कार के किस टायर में कितनी हवा का प्रैशर है। अगर प्रैशर कम होता है तो उसे भरवाकर ठीक करवाया जा सकता है और अगर ज्यादा हो तो हवा को निकालकर प्रैशर सही किया जा सकता है। लेकिन जब इस सेफ्टी फीचर में खराबी आ जाती है तो फिर सही से काम न करने की वजह से ड्राइवर को पता ही नहीं चल पाता और कार को कम या ज्यादा एयर प्रैशर के साथ ही चलाया (tyre damage warning signs) जाता है। जिससे टायर को सीधे तौर पर नुकसान होता है और उनकी लाइफ 10 से 20 पर्सेंट तक कम हो जाती है।
माइलेज भी होती है कम
अगर टीपीएमएस खराब हो जाए तो इसकी वजह से कार की माइलेज भी कम हो जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि कम एयर प्रैशर के साथ कार चलती है तो फ्यूल कंजम्प्शन ज्यादा हो जाती है। जिससे माइलेज कम हो जाती है।