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Indian Railways: एक बार लगने के बाद ट्रेन के पहियों को कितने समय में बदला जाता है? जान लें ये काम की बात

Train Ke Tyre Kitne Hote Hain: आपने देखा होगा भारतीय ट्रेनें रोजाना एक लंबा सफर तय कर यात्रियों को उनके गंतव्य तक छोड़ती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन ट्रेनों के पहियों को कितने समय बाद बदला जाता है?

Trains Wheels: इस बात में कोई दो राय नहीं कि ट्रेन से सफर करके लोग लंबे सफर को भी कम समय में तय कर लेते हैं। बात अगर भारतीय रेलवे की करें तो ये काफी बड़ा रेल नेटवर्क है और दुनिया के कई कई बडे़ रेल नेटवर्कों में से एक है। ऐसे में रोजाना एक बड़ी संख्या में ट्रेनें अपने गंतव्य के लिए चलती हैं जिसमें लाखों-करोड़ों यात्री रोजाना सफर करते हैं।

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यही नहीं, त्योहारों के मौकों पर तो भारतीय रेलवे कई स्पेशन ट्रेनें तक चलाता है क्योंकि भीड़ ही इतनी होती है कि अधिक ट्रेनों की जरूरत पड़ती है। इन सबके बीच क्या आप ये जानते हैं कि इन ट्रेनों के पहियों को कितने समय बाद बदला जाता है? शायद नहीं, लेकिन अगर आपके मन में ये सवाल है या आप इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो आप अगली स्लाइड्स में जान सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इस बारे में…

हर ट्रेन का अलग-अलग समय होता है:-

मालगाड़ी के पहिए बदलने का समय कितना है?

भारतीय रेलवे मालगाड़ी भी चलाता है जिससे रेलवे अच्छी कमाई भी करता है। इन ट्रेनों के पहिए ढाई लाख किलोमीटर तक का सफर तय करते हैं। मालगाड़ियों के हर पहिए का जांच की जाती है जिसका समय 30 दिन होता है यानी 30 दिनों के अंदर इन पहियों को चेक किया जाता है कि ये ठीक है या नहीं हैं।

अगर जांच के दौरान पहियों में किसी तरह की कमी पाई जाती है तो इस कमी को तुरंत दूर किया जाता है। यही नहीं अगर लगता है कि इन पहियों को बदलना जरूरी है तो इन्हें बिना किसी देरी के बदल भी दिया जाता है। मालगाड़ी के पहिए को 8-10 साल चल जाते हैं।

पैसेंजर ट्रेनों के पहिए कब बदले जाते हैं

भारतीय रेलवे रोजाना एक बड़ी संख्या में पैसेंजर ट्रेनें चलाता है जो देश के अलग-अलग कोने में जाती हैं और यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती है। इन ट्रेनों के पहियों को 3 से 4 साल के बीच बदल दिया जाता है। वहीं, पैसेंजर ट्रेनों के पहिए लगभग 70 हजार से 1 लाख मील तक का सफर तय करते हैं।

किस आधार पर बदले जाते हैं पहिए?

अगर बात इस पर की जाए कि ये कैसे तय होता है कि किस ट्रेन के टायर बदलने हैं या नहीं बदलने हैं, तो इसके कुछ पहलू हैं। जैसे, ट्रेन रोजाना कितना सफर तय करती है यानी कितने किलोमीटर चलती है? ट्रेन किस प्रकार की जलवायु से गुजरते हुए अपने सफर पर जाती है? ट्रेन में कितना वजन रहता है, ट्रेन की फ्रिक्वेंसी यानी आवृत्ति क्या है आदि।

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